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रिलायंस का राइट्स इश्यू शेयर 15 जून को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होगा

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के राइट्स इश्यू शेयर 15 जून को शेयर बाजारों मे सूचीबद्ध होंगे। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के अनुसार 15 जून से रिलायंस के राइट्स इश्यू शेयरों का कारोबार शुरू हो जाएगा। आरआईएल के शेयरों से अलग यह राईट्स इश्यू के शेयर रिलायंसपीपी के नाम से शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होंगे। इसके लिए एक अलग आईएसआईएन नंबर  आईएन9002ए01024 जारी किया गया है।  


रिलायंस राइट्स एंटाइटेलमेंट इश्यू शेयरों में कारोबार के दौरान निवेशकों ने खूब चांदी काटी थी। बाजार विश्लेषक आंशिक रूप से भुगतान किए गए राइट्स इश्यू शेयरों में सोमवार को भी तेजी की उम्मीद है। राइट्स इश्यू पेशकश में रिलायंस ने आवेदन के साथ पहली किश्त में केवल 25 फीसदी राशि ही मांगी थी। इस हिसाब से अगर आंशिक भुगतान किए गए शेयर का बाजार भाव, पूर्ण भुगतान वाले शेयर के 25 फीसदी से ज्यादा है तो इसका मतलब एक ही है कि निवेशक आंशिक भुगतान शेयरों पर अधिक प्रीमियम चुकाने को तैयार है। कुछ विशेषज्ञ और मीडिया रिपोर्ट में आंशिक भुगतान शेयर के 630 से 750  रु के बीच कारोबार करने का अनुमान है। 


राइट्स इश्यू के तहत शेयरधारकों को रिलायंस ने 15 शेयरों पर एक शेयर आवंटित किया है। दस रुपये फेस मूल्य के शेयर का दाम 1247 रुपये प्रीमियम के साथ 1257 रुपये रखा गया है। आवेदन पत्र के साथ शेयरधारकों को 25 फीसदी यानी 314.25 रु चुकाने थे। बाकी बची रकम दो किश्तों में अगले वर्ष मई में पहली 25 प्रतिशत अर्थात 314.25 रु और बाकी बची 50 फीसदी रकम 628.50 रुपये नवम्बर में अदा करनी है।


पिछले 10 वर्षों में दुनिया के सबसे बड़े गैर वित्तीय संस्थान राइट्स इश्यू से रिलायंस ने 53,124 करोड़ रुपये इकट्ठा करने की योजना बनाई थी। रिलायंस के राइट्स इश्यू को चौतरफा समर्थन मिला और यह इश्यू 159 प्रतिशत सब्सक्राइब हुआ। कोरोना काल में भी कंपनी को 84 हजार करोड़ रु की बोलियां मिली। इश्यू 20 मई से 3 जून तक खुला था और 15 जून को इसे बाजारों में कारोबार के लिए सूचीबद्ध किया जा रहा है।


कोविड-19 के कारण उत्पन्न आर्थिक मंदी के बावजूद विदेशी बंदोबस्ती निवेशकों (एफपीआई) ने रिलायंस में खासी दिलचस्पी दिखाई। इस वर्ष मार्च के अंत में एफपीआई की संख्या जहां 1318 थी वहीं 11 जून, 2020 को यह बढ़कर 1395 हो गई। एफपीआई का निवेश भी 23.48 प्रतिशत से बढ़कर 24.15 प्रतिशत हो गया।


 


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