जयपुर। पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ( निम्स ) जयपुर ने संयुक्त रूप से कोरोना की आयुर्वेदिक दवा तैयार करने का दावा किया है। इस संबंध में पतंजलि विद्यापीठ हरिद्वार में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर दवा की लॉन्चिंग की गई। इसमें योग गुरु बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, डॉ बलबीर सिंह तोमर सहित वैज्ञानिक, शोधकर्ता और डॉक्टर मौजूद रहे। हालांकि इस दावे के बाद आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से कोविड की दवा की कम्पोजिशन,रिसर्च स्टडी और सैम्पल साइज समेत तमाम जानकारी साझा करने को कहा है। मंत्रालय ने पतंजलि से कहा है कि इस दावे का परीक्षण होने तक इस दवा का प्रचार-प्रसार न करें।
इससे पहले लॉन्चिंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि देश को पहली आयुर्वेदिक दवा मिल गई है। यह देश के लिए बड़ी कामयाबी है। उन्होंने कहा कि इस दवा को कोरोनिल नाम दिया है। दवा की निर्माता कंपनी दिव्य फार्मेसी है। दवा पर निम्स में केस स्टडी की गई। उसके बाद दवा को पूरे रिसर्च के साथ तैयार किया गया है। उन्होंने दावा किया कि 3 दिन के अंदर इस दवा ने 69 फ़ीसदी रोगियों को ठीक कर दिया और 7 दिन के अंदर 100 फ़ीसदी रोगी ठीक हो गए। पतंजलि विश्विद्यालय एवं शोध संस्थान के संयोजक बाबा रामदेव ने कहा कि दवा के हमने दो ट्रायल किए थे। पहला क्लिनिकल कंट्रोल स्टडी, दूसरा क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल। उन्होंने दवा में उपयोग की गई जड़ी-बूटी आदि की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इस दवा को बनाने में सिर्फ देसी जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें मुलैठी-काढ़ा समेत कई चीज़ों को डाला गया है। साथ ही गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वासरि का भी इस्तेमाल किया गया।
दावा किया गया है कि दवा की रिसर्च पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट, हरिद्वार ने और मरीजों पर ट्रायल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ( निम्स ) जयपुर ने किया। निम्स यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज के चांसलर डॉ. बलवीर सिंह तोमर ने कहा कि यह पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा की यह शोध विश्व के लिए कल्याणकारी साबित होगा। निम्स विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ अनुराग तोमर ने चांसलर डॉ बलवीर सिंह तोमर, पतंजलि के प्रमुख बाबा रामदेव और उन सभी वैज्ञानिकों चिकित्सकों को बधाई देते हुए कहा कि निम्स मेडिकल कॉलेज और पतंजलि ने सही मायने में आज भारत को विश्व गुरु बना दिया। जब विश्व के संपन्न देश और उनके वैज्ञानिक, उनके चिकित्सक कोरोना की दवा की खोज में दिन-रात एक कर रहे हैं, ऐसे में हमारे देश ने दवा खोज ली यह देश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने दवा की ट्रायल में सहयोग देने वाले मरीजों का तहे दिल से आभार व्यक्त किया उन्होंने कहा कि उनके सहयोग के बिना इस मिशन में कामयाबी मिलना संभव नहीं था। मरीजों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। इस अवसर पर निम्स के डॉ पंकज सिंह, डॉ इशान शर्मा, डॉ. संजीव त्रिपाठी, दीपक नाथिया, दुष्यंत सिंह चौहान भी मौजूद रहे।