जयपुर। जयपुरी रजाई दुनियाभर में प्रसिद्ध है। गुलाबी नगर घूमने आने वाले देसी-विदेशी पर्यटक यहां से वजन में हल्की और गर्माहट में अव्वल जयपुरी रजाई खरीदकर ले जाना नहीं भूलते। इस दौर में जो 1 से 1.5 किलोग्राम की जो जयपुरी रजाइयां बनाई जाती है, वो राजा-महाराजाओं के जमाने में मात्र 50 ग्राम की बनती थी। जयपुर राजघराने के माधोसिंह जब इंग्लैंड गए थे, तब अपने दोस्तों को भेंट करने के लिए 50 ग्राम की जयपुरी रजाइयां ही लेकर गए थे। उस समय रियासत के पिनारों को जैसे ही रजाइयां बनाने का आदेश मिलता था तो वे बनाने में जुट जाते थे। तेज सर्दी में रात को राजा स्वयं गरीबों को रजाइयां बांटने के लिए निकलते थे। बरामदों में ठिठुरते गरीबों को जयपुरी रजाई ओढ़ा जाते थे। पिनारे रजाइयों में हिना और केसर कस्तूरी का इत्र भी डाल देते थे, जिसकी सुगंध सालों तक रहती। रामसिंह द्वितीय ने ग्वालियर के महाराजा जियाजीराव सिंधिया को ऐसी इत्र की रजाई भेंट की थी। पिनारों ने मोरारजी देसाई व इंदिरा गांधी को 50 ग्राम की जयपुरी रजाई भेंट की थी। जयपुरी रजाई के बारे में प्रसिद्ध है कि इसे अंगूठी में से भी निकाला जा सकता है। #3
खास बात यह है कि इसमें जूम की तरह 40 मिनट की समयसीमा नहीं है नई दिल्ली। फेसबुक और इन्टेल जैसी कंपनियों को अपने डिजिटल कारोबार में हिस्सेदारी बेचकर अरबों डॉलर जुटाने के बाद अब रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जूम को टक्कर देने की तैयारी की है। मुकेश अंबानी की कंपनी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप ‘जियोमीट’ पेश की है, जिसमें असीमित मुफ्त कॉलिंग की सुविधा मिलेगी। रिलायंस के इस कदम को प्रतिद्वंद्वी जूम के साथ ‘कीमत युद्ध’ के रूप में देखा जा रहा है। बीटा परीक्षण के बाद जियोमीट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप एंड्रॉयड, आईओएस, विंडोज, मैकओएस और वेब पर गुरुवार शाम से उपलब्ध ’है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार जियोमीट पर एचडी ऑडियो और वीडियो कॉल की गुणवत्ता मिलेगी। इसमें एक साथ 100 लोगों को जोड़ा जा सकता है। इसमें स्क्रीन साझा करने, पहले से बैठक का समय तय करने और अन्य फीचर्स है। खास बात यह है कि इसमें जूम की तरह 40 मिनट की समयसीमा नहीं है। कंपनी ने दावा किया कि इसमें कॉल्स 24 घंटे तक जारी रखी जा सकती है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक ‘कूटलेखन’ और पासवर्ड से संरक्षित रहेगी। कंपनी के सूत्रों ने कहा कि जूम पर 40 मिनट से अधिक की ...