जयपुर। प्रदेश में मॉडिफाइड लॉकडाउन के बाद अजमेर, अलवर, कोटा और पाली जिलों में वायु गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है। मण्डल के अध्यक्ष पवन कुमार गोयल ने बताया कि मण्डल द्वारा प्रीलॉकडाउन, लॉकडाउन तथा मॉडिफाइड लॉकडाउन की अवधि का परिवेशी वायु गुणवत्ता, प्रमुख प्रदूषणों तथा नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड जैसे मापदंडों द्वारा तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। कोविड-19 महामारी के खतरे से निपटने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में 22 से 31 मार्च तक लॉकडाउन लगाया गया था जिसके कारण यात्रा पर लगाए गए कड़े प्रतिबंध और वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों सहित गैर-आवश्यक गतिविधियों को बंद करने के परिणाम स्वरूप राज्य के कई कस्बों और शहरों में वायु की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल अपने 10 सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के नेटवर्क के माध्यम से राज्य में वायु गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है। लॉकडाउन की अवधि की तुलना में भिवाड़ी, जयपुर (आदर्श नगर), जयपुर (पुलिस कमिश्नरेट), जयपुर (साइंस पार्क), जोधपुर और उदयपुर में मॉडिफाइड लॉकडाउन की अवधि के दौरान वायु गुणवत्ता खराब हुई है। हालांकि अजमेर, अलवर, कोटा और पाली में लॉकडाउन अवधि की तुलना में मॉडिफाइड लॉकडाउन अवधि में वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। भिवाड़ी, जयपुर (पुलिस कमिश्नरेट), जयपुर (साइंस पार्क), जोधपुर और उदयपुर में भी मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान PM10 और PM2-5 के स्तर में बढ़ोत्तरी पायी गयी है। भिवाड़ी, जयपुर (पुलिस कमिश्नरेट) और पाली को छोड़कर सभी स्टेशनों पर मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान NO2 का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया है।