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Showing posts from April, 2020

तब तोपों की आवाज से गूंज उठा था जयपुर

रियासत व अंग्रेजों के दौर में जयपुर की आम जनता के बीच नया साल मनाने का कोई रिवाज नहीं था। लेकिन 1 जनवरी 1919 को जयपुर में मनाया गया नए साल का जश्न यादगार है। जश्न की रात पूरा शहर तोपों की आवाज से गूंज उठा था। दरअसल प्रथम विश्व युद्ध में विजय की खुशी में अंग्रेजों व रियासत ने मिलकर इसे मनाया था। शोरगरों ने नाहरगढ़ की पहाड़ी से इंग्लैंड का बकिंघम पैलेस, बादशाह जार्ज पंचम और क्वीन मैरी के चित्रों को आतिशी रोशनी से उकेरा था। बाजारों, किलों आदि को गैस की रोशनी से सजाया गया था। 1899 व 1900 में देशव्यापी अकाल की वजह से नए साल का जश्न नहीं मनाया गया था। चूंकि आम जनता में नववर्ष मनाने का रिवाज ना होने की वजह से सर्दी में वे रात को जल्दी सो जाते थे। वहीं दूसरी ओर जयपुर होटल, न्यू होटल, रुस्तमजी का रॉयल होटल, केसर-ए-हिंद होटल और जयपुर क्लब में अंग्रेज परिवार के साथ डांस और डिनर पार्टियों में शामिल होते थे। हालांकि कुछ लोग मंदिरों में भजन करते और बड़ो के साथ गरम खिचड़े का भोग लगाते थे। #1      

राहुल और राजन की बातचीत से समझें कोरोना दौर में अर्थव्यवस्था को

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर तथा अर्थशास्त्री डॉ रघुराम राजन से कोरोना महामारी के इकोनॉमी पर असर और उससे निपटने के उपायों पर बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के अंश : राहुल : डॉ. राजन, कैसे हैं आप? कोरोना वायरस के दौर में लोगों के मन में बहुत सारे सवाल हैं कि क्या हो रहा है, क्या होने वाला है, खासतौर से अर्थव्यवस्था को लेकर। मैंने इन सवालों के जवाब के लिए सोचा कि आपसे इस बारे में बात की जाए ताकि मुझे भी और आम लोगों को भी मालूम हो सके कि आप इस सब पर क्या सोचते हैं। राजन : थैंक्स मुझसे बात करने के लिए और इस संवाद के लिए। मेरा मानना है कि इस महत्वपूर्ण समय में इस मुद्दे पर जितनी भी जानकारी मिल सकती है लेनी चाहिए और जितना संभव हो उसे लोगों तक पहुंचाना चाहिए। राहुल : मुझे इस समय एक बड़ा मुद्दा जो लगता है वह है कि हम अर्थव्यवस्था को कैसे खोलें? वह कौनसे हिस्से हैं अर्थव्यवस्था के जो आपको लगता है जिन्हें खोलना बहुत जरूरी है और क्या तरीका होना चाहिए इन्हें खोलने का? राजन : यह एक अहम सवाल है क्योंकि जैसे-जैसे हम संक्रमण का कर्व (वक्र) मोड़ने की कोशिश कर रहे ...

अभिनेता ऋषि कपूर का निधन

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर का कैंसर से लड़ाई लड़ते हुए गुरुवार को मुंबई में निधन हो गया। 67 साल के ऋषि कपूर कुछ वक्त से बीमार थे। उनके भाई रणधीर कपूर ने बताया था कि बुधवार सुबह ऋषि को हॉस्पिटल ले जाया गया। उनको सांस लेने में तकलीफ थी। ऋषि की मौत के बाद अमिताभ बच्चन सहित कई बॉलीवुड शख्सियतों ने ट्वीट किए हैं।

आम रोगियों के लिए राहत बनकर आई मोबाइल ओपीडी वैन

जयपुर। लॉकडाउन के चलते कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों का उपचार करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू की गई मोबाइल ओपीडी वैन आम रोगियों के लिए वरदान साबित हो रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हंसराज भदालिया ने बताया कि लॉकडाउन में आमजन को जांच एवं दवा वितरण की सेवाएं  मोबाइल ओपीडी वैन के माध्यम से दी जा रही हैं। जयपुर जिला द्वितीय में वर्तमान में  12  मोबाइल मेडिकल ओपीडी वैन संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि मोबाइल मेडिकल ओपीडी वैन से शहरी क्षेत्र और सभी ब्लॉक्स में विभिन्न स्थलों पर लोगों की जांच एवं उपचार किया जा रहा है ,  जिनमें पुरुष ,  महिला व बच्चे शामिल हैं। इस मोबाइल मेडिकल ओपीडी वैन में नियुक्त चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ सर्दी ,  जुकाम ,  बुखार ,  मधुमेह ,  हाईपरटेंशन की जांच एवं उपचार के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच कर रहे हैं।    

"हालात ने कहा मां के जनाजे को कंधा नहीं देगा तू, तो वो मां के आंचल में चला गया..."

- अंबुज टांक - गुलाबी शहर के परकोटे के जिस हिस्से में कर्फ्यू लगा है, उन गलियों को और बचपन के दिनों को याद करते हुए बस ये कहना था कि बहुत समय तक उनसे बस निकलना था। अब लौटने का दिल चाहता है लेकिन मुमकिन सा नहीं। कई बार माता-पिता को साथ ले जाने की बात हुई, लेकिन वो जमीन छोड़ने को माने नहीं। अक्सर मां का ख्याल आता रहा। मां ही तो थी, सबसे खास। मां नहीं रही। तबीयत और कोराना ने ऐसे हालात बनाए कि मां को सुपुर्देखाक भी ना कर सका। यूं लगा कि 53 साल के इरफ़ान खान को जब हालात ने कहा मां के जनाजे को कंधा नहीं देगा तू, तो वो मां के आंचल में चला गया...।  टोंक में नवाबियत के साथ पला-बढ़ा लड़का सिनेमा की तरफ ऐसा आकर्षित हुआ कि एमए की पढ़ाई करते हुए ड्रामा करने नेशनल स्कूल में चला गया। पिता के साथ कुछ ज्यादा बनी नहीं, लेकिन काबिलियत और जुनून की हद से स्कॉलरशिप से दिल्ली में रहने लगा। उनकी मां का तीन दिन पहले ही इंतकाल हुआ, स्वास्थ्य कारणों से वो जयपुर नहीं आ सके थे। अपने पुराने इंटरव्यू में शहर की महफिलों और नाटकों से भी ज्यादा उन्हें जो याद आता था, वो था, 'मां का प्यार' , और 'पतंग और माझे वा...

राजस्थान में एक तिहाई मरीज हुए पॉजिटिव से नेगेटिव, वेंटीलेटर पर 2-3 केसेज ही

अब तक 2335 कोरोना पॉजिटिव चिन्हित किए गए, इनमें से 768 पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए, 584 डिस्चार्ज भी    जयपुर। प्रदेश के एक तिहाई कोरोना पीड़ित पॉजिटिव से नेगेटिव की श्रेणी में आ गए हैं। प्रदेश में अब तक 2335 कोरोना पॉजिटिव चिन्हित किए गए, इनमें से 768 लोग पॉजिटिव से नेगेटिव भी हो गए हैं। इनमें से 584 लोगों को डिस्चार्ज भी कर दिया है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अलग-अलग अस्पतालों में 1096 लोग आइसोलेशन में भर्ती हैं जबकि सामान्य अस्पतालों में 5098 लोग भर्ती हैं। ज्यादातर लोग सामान्य वार्ड में ही भर्ती हैं। केवल 2-3 केसेज हैं जो वेंटीलेटर पर हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश के आमजन के लिए यह सबसे बड़ी राहत की खबर है कि लोग उपचार के बाद तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। यह स्वास्थ्यकर्मियों के जज्बे और राज्य सरकार के प्रयासों का परिणाम है।    प्रदेश के हॉट-स्पॉट जिलों पर विभाग सतर्क चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण में गिरावट देखी जा रही है लेकिन अभी भी 7 जिले हॉट-स्पॉट बने हुए हैं। विभाग इन जिलों के प्रति सजग और सतर्क ह...

राजस्थान में 7000 औद्योगिक इकाइयों में गतिविधियां शुरू, उद्यमियों के लिए कंट्रोल रूम के नंबर जारी  

- एक लाख 14 हजार से अधिक श्रमिक काम पर आने लगे - उद्यमी किसी भी तरह की समस्या पर कन्ट्रोल रूम के नंबर 2227630, 2227733 और 2227765 पर कर सकते हैं संपर्क    जयपुर। राज्य में अब तक करीब 7000 औद्योगिक इकाइयों ने औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की पहल की है। एक लाख 14 हजार से अधिक श्रमिक औद्योगिक इकाइयो में काम पर आ गए हैं। उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणाा ने बताया कि मोडिफाइड लॉकडाउन 2 मेें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार की एडवाइजरी की पालना कराते हुए उद्योग धंधों को पटरी पर लाने के लिए उठाए गए कदमों का परिणाम है कि प्रदेश में करीब 7000 औद्योगिक इकाइयों ने आगे आकर पहल की है। उद्योग मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने लॉकडाउन एक के दौरान आटा, दाल, तेल, मसाला आदि अनुगत श्रेणी की इकाइयों में उत्पादन कार्य जारी रखने का परिणाम रहा कि पहले चरण में ही प्रदेश में 1850 औद्योगिक इकाइयां काम करने लगी। इसके बाद पारदर्शी सरलीकृत व्यवस्था और गाइड लाईन का परिणाम है कि राज्य में अब तक करीब 7000 औद्योगिक इकाइयों ने औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की पहल की है। उन्होंने...

चिकित्सा विभाग ने प्रतिदिन 5000 से ज्यादा टेस्टिंग करने की क्षमता विकसित की : चिकित्सा मंत्री

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन 4-5 हजार सैंपल लिए जा रहे हैं। यही नहीं सरकार के अथक प्रयासों से जांच की सुविधाओं में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। चिकित्सा विभाग द्वारा 5256 टेस्ट प्रतिदिन किए जा सकते हैं। डॉ. शर्मा ने कहा कि भीलवाड़ा में आईसीएमआर द्वारा टेस्ट की अनुमति मिल चुकी है। जयपुर के आरयूएचएस (राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय) में भी आईसीएमआर ने प्रतिदिन 250 टेस्ट करने की अनुमति दे दी है। इसे आगे 1000 टेस्ट तक बढ़ाया जाएगा। जयपुर और जोधपुर में टेस्ट की तादात बढ़ाने के कोबास-8800 मशीन खरीदने का ऑर्डर दिया जा चुका है। इन मशीनों के आने के बाद प्रतिदिन 3 से 4 हजार जांचें अतिरिक्त की जा सकेंगी। कोरोना को रोकने के लिए प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी जांच बढ़ाने की सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है।   संक्रमण पर रोक नहीं होती तो आंकड़ा 3400 के पार होता   डॉ. शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के योजनाबद्ध प्रयासों के चलते प्रदेश में 14 अप्रेल के बाद कोरोना के संक्रमण दर में भारी गिरावट आई है। यदि संक्रमण की गति पहले जितनी रहती तो सं...

ओशो गजब का ज्ञान दे गये, कोरोना जैसी बीमारी के लिए...

70 के दशक में हैजा भी महामारी के रूप में पूरे विश्व में फैला था, तब अमेरिका में किसी ने ओशो रजनीश जी से प्रश्न किया -"इस महामारी से कैसे बचें?" ओशो ने विस्तार से जो समझाया वो आज कोरोना के सम्बंध में भी बिल्कुल प्रासंगिक है। ओशो "यह प्रश्न ही आप गलत पूछ रहे हैं, प्रश्न ऐसा होना चाहिए था कि महामारी के कारण मेरे मन में मरने का जो डर बैठ गया है उसके सम्बन्ध में कुछ कहिए! इस डर से कैसे बचा जाए...? क्योंकि वायरस से बचना तो बहुत ही आसान है, लेकिन जो डर आपके और दुनिया के अधिकतर लोगों के भीतर बैठ गया है, उससे बचना बहुत ही मुश्किल है। अब इस महामारी से कम लोग, इसके डर के कारण लोग ज्यादा मरेंगे.......। ’डर’ से ज्यादा खतरनाक इस दुनिया में कोई भी वायरस नहीं है। इस डर को समझिये,  अन्यथा मौत से पहले ही आप एक जिंदा लाश बन जाएँगे। यह जो भयावह माहौल आप अभी देख रहे हैं, इसका वायरस आदि से कोई लेना देना नहीं है। यह एक सामूहिक पागलपन है, जो एक अन्तराल के बाद हमेशा घटता रहता है, कारण बदलते रहते हैं, कभी सरकारों की प्रतिस्पर्धा, कभी कच्चे तेल की कीमतें, कभी दो देशों की लड़ाई, तो कभी जैविक हथियारो...

श्रमिकों/प्रवासियों को लाने ले जाने के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी 

जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राजस्थान से जाने व बाहर से आने वाले श्रमिकों/प्रवासियों को लाने ले जाने को प्राथमिकता प्रदान करते हुए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि दिशा-निर्देशों के अनुसार हॉट स्पॉट के अतिरिक्त अन्य जिलों से आने वाले श्रमिकों/प्रवासी जो निजी वाहन से कर्फ्यू पास से आ रहे हैं उन्हें नियत गंतव्य स्थान पर पहुंचने पर क्वारंटाइन किया जाए। इसी तरह से निजी वाहन से राजस्थान से बाहर जाने वाले श्रमिकों/प्रवासियों को जिला कलक्टर द्वारा चरणबद्ध तरीके से पास जारी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट/बसोें से राजस्थान में आने वाले श्रमिकों/प्रवासियाें के लिए एक एकीकृत कॉल सेंटर 1800-180-6127, emitra.rajasthan.gov.in तथा rajcovidinfo मोबाइल एप पर रजिस्ट्रेशन व मोबाइल एप की सेवाएं ले सकेंगे। पंजीकरण के बाद संबंधित राज्य की सहमति प्राप्त कर चरणबद्ध तरीके से लाने ले जाने की व्यवस्था की जाएगी ताकि अनावश्यक भीड़ ना हो सके। उन्होंने बताया कि गंतव्य स्थल के लिए रवाना होने से पूर्व इनकी स्क्रीनिंग की ...

अन्य राज्यों से राजस्थान आ रहे मूल निवासियों को 14 दिन घर में क्वारंटाइन रहना होगा : अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह)

जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव स्वरूप ने लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से राजस्थान में आ रहे राज्य के मूल निवासियों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य की सीमा वाले जिलों में चैकपोस्ट बनाए जाएंगे, जहां सभी आगन्तुकों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा जिसमें उनका नाम, पता, मोबाइल नम्बर आदि दर्ज होगा।   उन्होंने बताया कि ऐसी भी संभावना है कि कुछ लोग अपने निजी साधनों से सीधे अपने घर पहुंच सकते हैं, इसकी सूचना प्रशासन को नहीं होगी। इसलिए कलक्टर द्वारा स्थानीय स्तर पर मौहल्लों एवं गांवों में सुदृढ़ सूचना तंत्र बनाना होगा ताकि इस अवधि में कोई भी नया व्यक्ति आए तो इसकी सूचना तुंरत स्थानीय प्रशासन को मिले।   स्वरूप ने बताया कि प्रत्येक पटवारी अपने पटवार हल्का क्षेत्र के लिए उत्तरदायी होगा। यदि उसे किसी व्यक्ति के गांव वापस लौटने की सूचना मिलती है तो वह तहसीलदार/ उपखण्ड अधिकारी को इसकी जानकारी देगा। इस काम में बीएलओ (बूथ लेबल अधिकारी) पटवारी की सहायता करेगा। शहरी क्षेत्र के लिए भी यही व्यवस्था होगी।   उन्होंने बताया कि कोई भी बाहर का व्यक्ति आता है तो ग...