जयपुर। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 39वें अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राजस्थान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राजस्थान के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने ऎसा समां बांधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। दिल्ली में राजस्थान पर्यटन विभाग की अतिरिक्त निदेशक गुनजीत कौर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रगति मैदान के हंसध्वनि थियेटर पर दो घंटे से भी अधिक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम में राजस्थान की विश्व प्रसिद्ध कालबेलियां नृत्यांगना गुलाबो ने अपनी तीनों पुत्रियों व अन्य नृत्यांगनाओं सहित कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रदेश के विभिन्न अंचलों के लोक कलाकारों में जोधपुर से आए रफीक लंगा के खड़ताल वादन से हुई। बूंदी से आए हरिशंकर नागर एवं उनके साथियों ने कच्छी घोड़ी नृत्य का प्रस्तुतिकरण किया। अजमेर के वीरेन्द्र सिंह गौड़ एवं उनके साथियों द्वारा प्रस्तुत चरी और घूमर नृत्य ने ऎसा समां बांधा कि दर्शक नयनाभिराम प्रस्तुतियां देखने में मग्न हो गये। भरतपुर के गफरूद्दीन मेवाती के भपंग वादन एवं उनके संवादों एवं तुकबंदी के अंदाज को दर्शकों ने खूब सराहा। इसी प्रकार अलवर के जयंता दास द्वारा प्रस्तुत रिम भवई नृत्य में साईकिल के पांच रिमों से हैरतअंगेज नृत्य के प्रदर्शन ने दर्शकों को खूब आंनदित किया।
पाली से आई दुर्गा देवी एवं उनकी सहयोगियों ने प्रदेश के प्रसिद्ध नृत्य तेरहताल एवं बारां से आए रूपसिंह एवं उनके दल द्वारा प्रस्तुत चकरी नृत्य का बेहतरीन प्रस्तुतीकरण दिया गया। अंत में भरतपुर जिले के डीग से विष्णु दत्त शर्मा एवं उनके दल के मयूर नृत्य एवं फूलों की होली प्रस्तुत कर दर्शकों को आनंदित कर दिया।